Sunday 27 June 2010

मेरी खता: वाल-पिक्चर कथा भाग 2 प्रोफाइल फोटो

आज फिर एक और सर दर्द हो गया..अब आप सबको याद आयेगा की मैं उस दिन की बात कर रही हूँ जिस दिन मैंने कुछ वाल पिक्चर बनायीं थीं और उस पर बड़ी ऊधम-बाजी मची थी..और उसके बाद मैंने तोबा कर ली थी..लेकिन उसका परिणाम अब भी भुगत रही हूँ..तो उनमें से एक पिक्चर में भाई साहेब को सबसे ऊपर शाह जी के पास टाँगा था..क्योंकि शाह जी हाथ में माइक पकड़े गाते ही रहते हैं हर समय..तो मैंने सोचा की भाई साहेब का मनोरंजन होता रहेगा उनको ताकते हुये..लेकिन भाईसाहेब ने बड़बड़ाना शुरू कर दिया और मैं घबरा गयी की अब इन्हें क्या समस्या है..अब तो ये चिपक गये हैं इसमें शाह जी के साथ हमेशा के लिये..अगर पिक्चर में कोई गाता हुआ दिख भी रहा है तो इस बात से भाई को या किसी और को क्या फरक पड़ने वाला, है ना ? वोह चिल्ला कर गा रहे हों या नहीं लेकिन भाई को पची नहीं ये बात..पिक्चर को देख खुद चिल्लाने लगे और साथ में क्या-क्या हुआ आप सबके सामने पेश करती हूँ.

भाई: हम तो भाई जी को देख रहे हैं, वे कया गा रहे हैं...लेकिन वे चिल्ला चिल्ला कर गा रहे हें....'' मार दिया जाये कि छोड़ दिया जाये... बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाये ''... लेकिन ये आज किसके लिये गा रहे हैं ... कौन है आज इनके निशाने पर ? इनके पास अगर मैं चिपका रहा तो हम तो इनकी सिंगिंग सुन-सुन कर बहरे हो जायेंगें..हमें पता होता तो हम कानों में रुई लगा लेते फोटो खिंचवाने के पहले..

मैं बोली: हाँ, भाई.. इस तस्वीर में मैंने जान बूझ कर आपको ऐसी जगह ऊपर बैठाया है की आप ऊपर भी बैठें और साथ में सामने शाहजी की सिंगिंग का भी बिना गर्दन मोड़े हुये आनंद ले सकें..वर्ना उनके बिना आप बोर होते वहां बैठे-बैठे..lolzzzzzzzzzz..
अब मैं क्या बताऊँ आपको की आपका पोज़ ही ऐसा है..इसमें किसी की क्या खता है ? बोलो.

भाई: हूँ.. सुन ली सबकी...शन्नो बहिन हमारे और भी फोटो हैं हमारी प्रोफाइल में...उनमें सब तरफ गर्दन घुमी घुमाई है.

मैं बोली: भाई..तो फिर वो अपने दूसरे चेहरे भी हम सबको दिखाओ..तो फ्यूचर में उसके मुताबिक भी डायलाग लिखे जायें.. lolzzz

भाई: प्रोफाइल फोटो में पडे हैं.

मैं बोली: ठीक है भाई..आपकी इज़ाज़त है तो जरूर देखूँगी.

फिर मैंने कुछ देर में जाकर खोज-बीन की तो वहां पता नहीं कितनी फोटो का ढेर लगा हुआ था लेकिन क्या बताऊँ अब..सीधे जाकर भाई से ही पूछा की..

मैं: भाई...आपने मेंशन किया तो हमने जाकर चेक किया तो बहुत टेंशन हुई देखकर की आपकी अल्बम में फोटो का तो ढेर लगा हुआ है...लेकिन आपकी अपने चेहरे वाली प्रोफाइल पिक्चर दो ही हैं..एक तो यही वाली मुंह पर उंगली रखे और दूसरी जिसमें दाढ़ी उग रही है और बनियान में हैं..और हम सबकी तरफ देख भी रहे हैं ..तो इस दशा में समस्या है की या तो बनियान वाली फोटो लगाओ आप चेंज के लिये या कुछ और खिंचाओ या फिर इसी में ही खुश रहो..जो सुझाव था वो मैंने कह दिया :):)

इतनी देर में प्रिया जी भी आ टपकीं और अपनी राय देने लगीं...

Priya: Arre ye to smart hain shanno Di, Unki to koi Bhi Photo Lag jaaye...cute and handsome... always Evergreen hain. Baniyaan vaali bhi sahi rahegi, Voh to Aur Bhi Khoobsoorat hai.

मैं बोली: प्रिया और शाहजी देखिये...भाईसाहेब के चेहरे की केवल दो ही फोटो हैं..तो इसका मतलब हुआ..केवल दो पोज़..आप लोग इनमें से एक सेलेक्ट करो :) मेरे ख्याल से अगर इस बार भाई अपनी बनियान को चेंज किये बिना ही उस फोटो को ही चिपका दें तो जरा सबके लिये चेंज हो जाये उनकी नयी तस्वीर देखने का...कैसा है ये आइडिया..अच्छा है न..हूँ ? :) क्या कहते हो सब ?

भाई: हा हा हा हा ....बस दो ही फोटो दिखीं वहाँ.... वैसे और भी कई हैं.... खैर चलो अब कुछ नये फोटो अपलोड करेंगे, और ये प्रिया क्या कह रही है... बनियान वाला ही लगा दो... अच्छा...बडी हसरत है हमें बनियान में देखने की...सोच लो सुन्दरी प्रिया...हमारा पुराना डायलाग है...हमें सड़क पे लाने की कोशिश मत कर, हम सडक पर आये तो ट्रैफिक जाम हो जायेगा...तो प्रिया हमें बनियान में लाने की कोशिश न करो सुन्दरी प्रिया, हम बनियान में आये तो क्या होगा...पहले अंजाम सोच लो... Lolzzzz..........zz

मैंने फिर सोचा की भाई को मेंटल टेंशन हो रही है तो..

मैं बोली: भाई ये फ़िल्मी डायलाग बोलना बंद करो..कुछ देर को सीरिअस हो जाओ ..

न चिंता करिये अब किसी भी अंजाम की
आप बस फिकर करें अपने ही काम की
दाढ़ी को उगने दें जरूरत न हज्जाम की
बाहर भी निकलें न सोचें ट्रैफिक जाम की.

इस बात पर भाई भी बहुत ही हाजिर जबाब निकले...

भाई: का बनियान की हस्ती है का लुंगी की बस्ती है क्या ये फोटो इतनी सस्ती है या फिर केवल मस्ती है.. फोटो पर है क्या कुछ लिखा हुआ जो कोई पढ़ लेगा.. या है जो भी पढ़ा हुआ वो रट लेगा...वरना क्या अपनी बनियानी हस्ती है...हा हा हा हा...समझ में आया...हमें भी नहीं आया...लोल्ज्ज्जज्ज्ज़

मैं ये बातें या डायलाग सुनकर पागल होने लगी..क्योंकि भाई को फ़िल्मी डायलाग बोलने का कभी-कभी दौरा पड़ जाता है..तो मैं फिर बोली भाई...

आपकी कुछ बातें तो अपनी समझ में भी ना आयीं
फोटू की बात है चाहें बनियान में या ओढ़ के रजाई
अदल-बदल कर पोज को प्रोफाइल में उसे लगाओ
कबसे साइड में गर्दन है अब थोडा सा इधर घुमाओ.

भाई: अरे कोई सा फोटो ठोक दो बहिन क्या फर्क पडता है । अब बुरा फोटो अपलोड करूँगा तो सब भाई जी की और तुम्हारी हँसी उडायेंगे कि छि-छि जरा देखो तो इनका भाई कैसा है..और अगर अच्छी और खूबसूरत फोटो अपलोड करूंगा तो प्रेमी-प्रेमिकाओं से परेशान हो जाऊंगा, पहले से ही परेशान हूँ..लड़कियां तो छोड़ो बहिन मेरे पीछे तो लड़के भी पड़े हैं.. अब तुम्हें जो सूझ जाये वही लगा दो...हे भगवान प्रभु ही बचायें अब तो...क्योंकि ये लड़कियां तो हर समय कांव-कांव करती रहती हैं हमारे सर पर...राम-राम...राम-राम..

मैं दंग रह गयी भाई के ये वाक्य सुनकर की भाई क्या ऊल-जलूल बके जा रहे हैं किन्तु वह फिर नितिन की तरफ मुखातिब हुये..जो चुप चाप हमारी बातें सुन-सुन के मुस्कुराये जा रहे थे..

भाई: अब देखो नितिन भईया लड़कियों के हग्स मिलते थे तो हम बहुत खुश हुआ करते थे, अब तो लड़के हग भेजने लगे हैं भईया , इसका का करें... कौनऊं इलाज है का.. ससुरा शाम तक पूरा मोबाइल एस.एम.एस. से और ई मेल बाक्स भर देते हैं पठ्ठे...

मैं बोली: ha ha ha ha...लोल्ज्ज्जज्ज्ज़.... HUG aur wo bhi mobile se...heeee heeeeeeeeeeeeee
फिर मुझे अचानक कुछ सोच कर दया आई की शायद भाई सीरिअस हों इस विषय पर तो मन में बहुत दुखी हो रहे होंगे..यह सोचकर मेरी हंसी बंद हो गयी.

मैं बोली: भाई..आप फिर इसी फोटू में रहो...आप को भी आराम मिलता है इस पोज़ में और हम सब भी आदी हो गये हैं आपको इसी तरह देखने के..सो काहे को झंझट में फंसो...वैसे ही आप मेंटली इतने टेंस लग रहे हो...आपके कहने के मुताबिक समस्यायें भी खड़ी हो सकती हैं...हम दोनों ही भाई-बहन पोज़ बदलने के बारे में आलसी हैं..
भाई: Lolzzzzzzzzz हा हा हा हा.....सही है....यही तो प्राब्लम है LOLZZZZZZ

एक और आदत है भाई में इन दिनों वो lolzzzzzz बहुत करते हैं..ये एक नयी आदत डाल ली है फेसबुक पर होने से...

अब शायद वाल पिक्चर भाग ३ का भी आप लोगों को इंतज़ार होगा तो...कुछ दिनों में उसकी भी प्रस्तुति होगी.

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