Sunday 27 June 2010

मेरी खता: वाल पिक्चर-कथा भाग 1 हंगामा

उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़..जिन्दगी में सबको खुश करना भी कितना डिफिकल्ट होता है कभी-कभी..अब मेरा ही किस्सा सुनिये की फेसबुक पर क्या हंगामा हो गया मेरे साथ..चूँकि आप लोग मेरे फ्रेंड हो तो सोचा इस घटना को भी अगर शेयर कर लूं तो सबको पता लग जाये की मेरी स्थिति क्या है अब..तो और लोगों की गलतफहमियां दूर हो जायें..तो हुआ यूँ की हमने भी कुछ वाल-आल पिक्चर बनाने के बारे में पहली बार हिम्मत की और कुछ सीख कर कुछ लोगों पर प्रयोग किया और उन्हें वाल पिक्चर में चिपकाया..और कुछ को लटकाया..और फिर अपने टॉप फैन को ढूँढने की सूझी..तो लिस्ट में सिर्फ आठ लोग मिले..टॉप फैन को कप बाकी को मेडल मिले..तो फिर अब क्या बोलूँ..कुछ लोगों ने नोटिस किया और बोले:'' की हम आपके फैन की लिस्ट में क्यों नहीं हैं..हमें कप क्यों नहीं मिला ?'' कहने का मतलब की..शिकायत करने वाले आ गये.'' गाँव बस नहीं पाया और बिल्लियों ने आना शुरू कर दिया.'' हा हा..तो हमने कहा की..'' भईया, ये तो सब ऑटोमेटिक ही हो गया.. हमारा इसमें कोई फाल्ट नहीं है ''...फिर भी लोगों को चैन नहीं पड़ा..और हम अपनी बगलें झाँकने लगे..और समझ में नहीं आया की क्या करें..अब हम सबके बीच के डायलाग की केवल कुछ झलकियाँ आप सबको भी दिखाते हैं. तो देखो:

प्रनी: Dhanyavad Shanno ji apni top fans ki list mein mujhe shaamil karne ke liye...

मैं बोली: Prani..No problem..ye sab TOP FAN walon ka kamaal hai unki hi meharbani se sab sambhav ho saka hai..unhen jo pasand aaya usko mera fan bana diya..garmi ke dinon me fan ki bhi to jaroorat padti hai naa? Lolzzzz

अब ये भी देखिये की प्रनी ने जो जबाब फिर भेजा तो वो एक कविता सा था:

प्रनी: फेसबुक देखिये और इसके एप्लिकेसन देखिये
हर एक के लिए कुछ न कुछ मिलेगा यहाँ पर
कोई राशिफल देख कर रो रहा तो कोई
फार्म विल्ला खेल कर अपना वक्त खो रहा
यहाँ हर कोई है किसी न किसी दीवार पर
कोई टंगा इस दीवार पर तो कोई टंगा उस दीवार पर
कोई मुंह बाए सामने को तो कोई कोने को निहार रहा है
कोना निहारने का भी अपना एक मजा है
ये तो निहारने वाला ही बता सकता है की मजा है या फिर सजा है
चाहे कुछ भी हो सब अपनी अपनी जगह पर मस्त हैं
हर कोई कमेन्ट करने में व्यस्त हैं

अब लीजिये इतनी देर में गीता की शिकायत आ गयी..वो मुंह से तो क्या बोलती बेचारी फेसबुक पर होने से फेस ही तो चिपका है उसका..लेकिन अपनी फोटो में मुझे गुस्से भरी निगाहों से देखती रहती है चुपचाप और मैं निगाहें बचाती रहती हूँ...

मैं बोली: Geeta..thank u sweetie... tum itne gusse se kyon hame dekh rahi ho..tumhen maine kahin aur chipkaya hai..jaakar apne ko dhoondho..niraash naa ho.. please.. Lolzzzz

फिर भाई बीच में आ टपके शिकायत करने को....

भाई : कहाँ पटका है ले जाके पिछाड़ी वाले कुन्ने में सबसे नीचे , लेकिन ये हम देख किसको रहे हैं , क्या कोई और भी छिपा है साइड में या पिछाड़े में ? ओ छुप छुप छलने वाले छलिये..... तेरे छुपने छिपानें में क्या राज है....

मैं बोली : Lolzzzzzzzzzzzzzz हा हा हा हा hhhhhhhhhhhhhhhhh
भाई साहेब मुझे इसी बात का डर था..की आप ये शिकायत जरूर करेंगे..जायज़ भी है..मैं भी परेशान थी..लेकिन फिर जितनी अकल है उसे लगाकर समझ में आया की ये टॉप फैन अपने आप ही लोगों की पोजीशन सेलेक्ट करता है की किसको कहाँ पर बिठाया या लटकाया जाये...अफसोस की जहाँ आपको जगह मिली..( हा हा)...उस के बाद कोई नहीं बैठा है जिसे आप ताक सकें..हह्ह्ह्ह..

भाई: कोई बात नहीं..हा हा हा...कम से कम मेरे पीछे कुछ सुंदरियाँ तो हैं टंगी या चिपकी हुई...सुन्दरियॉं पीछे हों और हम आगे तभी तो मजा है .... क्या समझे ......पूरा फौज-फाटा है हमारे पीछे.. ला ला ल ला...
मैं तो इस वाली पिक्चर के लिये तीनों लोक न्योछावर कर दूं ....

मैं बोली: हा हा हा हा ..लेकिन फिर भी आप बोर तो हो रहे होंगे...क्योंकि जिधर आपका फेस है..उधर कोई भी सीनरी या सुन्दरी नहीं है..भाई, सब सुंदरियाँ आपकी पीठ के पीछे हैं..( ही ही )..अब कोने को ताकने का मज़ा भी लो यहाँ बैठकर और भजन करो..ही ही ही.....

इतनी देर में रितु आई.

रितु ने बोला : main kahan hun???????? Booooooooooooo Hooooooooooooo Hooooooooooooo....

मैं बोली : Ritu sorry! tum kahin doosri jagah tangi ho..apne ko dhoondho jaakar....लोल्ज्ज

रितु: nahiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii.
.... aisa nahi ho sakta hai....

मैं बोली: हाँ ऐसा ही हुआ है...

भाई फिर बीच में टपके.

भाई: जो भी यहाँ पिक्चर में नहीं हैं वो सब मेरे दिल में टंगे हुये हैं...हूँ..

रितु: तब ठीक है..

मैं बोली: भाई..मेरी रक्षा करने के लिये आपको बहुत धन्यबाद..और ये बहुत अच्छी और उपकार की बात है कि आपने यहाँ जगह न होने से मेरी हेल्प की और बाकी लोगों को अपने दिल में टांग लिया...और अब तक तो आपके दिल में लोगों की भीड़ लग गयी होगी....लोल्ज्ज्ज़ .

भाई: भीड़ नहीं पूरा मेला लग गया है..इन सबके हाथ में एक-एक माला देंगें...एक-एक मंत्र रटवा कर... हरि सुमिरन करवायेंगें ... बोल हरि बोल....

मैं बोली: हाँ, भाई..कोई खतरा नहीं आपको इनसे..सब अपनी-अपनी जगह टंगी हैं...आप बेफिक्र रहो और कोने को ताकते हुये मुरलिया बजाओ..हरे कृष्णा..हरे रामा..हरे..हरे..
और चलो..मुझे ख़ुशी है, भाई.. की आपको ये वाली पिक्चर स्पेशली पसंद आई...तीनो लोक न्योछावर करने की भी जरूरत नहीं पड़ी.. :):)

भाई मुस्कुरा दिये और कोने को ताकते रहे..और अब वह बिचारे कर भी क्या सकते हैं..जिस पोजीशन पर टंगे हैं वो तो बदलेगी नहीं..

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