Sunday 1 May 2011

फेसबुक के भूत

अब हम भी क्या क्या करें....


दिल की कुछ बातें कहनी ही पड़ती हैं

दोस्त हैं तो शेयर करनी ही पड़ती हैं

फेसबुक मुँह देखे की दुनिया है दोस्तों

गर शेयर ना करो तो बहुत अखरती हैं.


कल रात फेसबुक पर दो सहेलियाँ बातचीत कर रही थीं...नाम गुमनाम ही रहने दीजिये तो अच्छा रहेगा. लीजिये चुपचाप आप भी उनकी बातचीत का लुत्फ़ उठाइये:


सहेली १: मुझे फेसबुक के भूतों से बहुत डर लगता है.

सहेली २: क्या मतलब है तुहारा ?

सहेली १: पता है कुछ देर पहले क्या हुआ था ?

सहेली २: नहीं पता...बताओ क्या हुआ ?

सहेली १: एक मित्र की हरकतें कुछ दिनों से सही नहीं थीं...इनबाक्स में आकर अजीब से शब्द कहकर भाग जाते थे..और मैं हमेशा चुप रहती थी...और आज तो हद ही हो गयी.

सहेली २: क्या किया उसने ?

सहेली १: आज उसने भूत की तरह एक्टिंग करके मुझे डराया..और मैं डर गयी.

सहेली २: तो क्या कहा उसने ?

सहेली १: बोला...HOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO

सहेली २: तुमने भी फिर कुछ कहा ?

सहेली १: हाँ, मैंने उससे कहा...SHOOOOOOOOOOOOOOOOOOO

सहेली २: उसके बाद ?

सहेली १: उसके बाद मैंने उसे असली भूत बना दिया.

सहेली २: वो कैसे ?

सहेली १: ब्लाक कर दिया.

1 comment:

  1. "फेसबुक मुँह देखे की दुनिया है..."
    ब्लॉक करना और भूत बनना इसमें लाजवाब है।

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