Sunday 1 May 2011

रचनाओं से सम्बंधित एक दुख की सूचना

दोस्तों,

मुझे ये सब कहते हुये बड़ा अफ़सोस हो रहा है किन्तु फिर भी जानकारी देने को कहना / पूछना पड़ रहा है कि...

क्या कभी किसी ने आपकी लिखी रचनाओं को आपके न जाने हुये अपने नाम से पोस्ट किया है अपने नोट में ?...क्यों कि मेरे साथ ऐसा हुआ है. और किसी की इस हरकत के बारे में मुझे कल पता लगा. मैं उनका नाम लेकर सबको बताकर उन्हें लज्जित नहीं करना चाहती...किन्तु मुझे बहुत धक्का लगा था..और अब भी सदमे में हूँ. हुआ ये कि कल एक नयी फ्रेंड रिक्वेस्ट को मैंने जब स्वीकार किया तो उनके पन्ने पर जाकर पता लगा कि उन्होंने मेरी दो कवितायें अपने नाम से लगाई हुई थीं..लेकिन उनमें कहीं भी मेरा नाम मेंशन नहीं किया गया था.

पूछने पर पता लगा कि उन्होंने मेरे ब्लाग से कापी पेस्ट किया था...और ये जानकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई कि उन्हें मेरा ब्लाग बहुत अच्छा लगा था. किन्तु उन्होंने रचनाओं में मेरा नाम न डालकर अपना नाम डाला हुआ था और लोगों से कमेन्ट भी ले रहे थे अपने नाम पर. फिर मेरे कहने व शिकायत करने पर उनमें मेरा नाम डाला. इस तरह पता नहीं पहले भी मेरी कितनी और रचनाओं के संग ऐसा किया होगा. तो समस्या यह है कि न जाने कितने और लोग भी इस तरह की गलत बात कर रहे होंगे. मैं किस-किसका पता लगाकर उन लोगों को बताऊँ कि इस तरह की बात करना अनुचित है. पढ़ने वाले गलतफहमी में आकर उन्हें उसी इंसान की रचित रचना समझ कर कमेन्ट दे रहे होंगे..फिर भी वो नहीं बताते कि वो पोएम उनकी नहीं किसी और की लिखी हैं. फेसबुक से शेयर करने में कम से कम मेरा नाम तो रचना के साथ आ सकता था.

बहुत दुख के साथ आपकी फेसबुक मित्र

- शन्नो अग्रवाल

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