Friday 26 August 2011

मैं दुखियारों का कूड़ेदान (आप बीती)

मेरी बिना नाम की काल्पनिक सहेली,


आज मैं तुम्हें फेसबुक की तमाम बातों में से एक दुख का राज बता रही हूँ. वैसे ना बताती किन्तु अब कुछ मेरे साथ इन्तहां हो रही है. बिन बुलाये हुये मेहमान की तरह औरों के दुखों को झेलकर उनपर मलहम लगाने का मैं इनाम पा रही हूँ. तो सुनो....बताती हूँ...

मैं अपने दिल का दर्द संक्षेप में बता रही हूँ कि फेसबुक पर कुछ लोग मेरे सीधेपन का नाजायज फायदा उठाकर मेरे लिये रेस्पेक्ट दिखाते हुये इन्बोक्स में आकर पहले किसी की बुराई करते हैं और वादा करवाते हैं कि मैं किसी से कभी कुछ ना कहूँ उस राज के बारे में और फिर उसके बाद उसी दोस्त से दोबारा मेल हो जाने पर मुझे ही उपेक्षित कर देते हैं. उनमे से एक दोस्त 'वो' भी थी.


थी इसलिये कि अब या तो मुझे ही बिना कोई कारण बताये उसने ब्लाक कर दिया है या शायद अपने को ही deactivate कर लिया है फेसबुक से ऊबकर. मुझे आज केवल उसका भूत दिखा...प्रोफाइल गायब. कहीं नहीं मिली फेसबुक पर. खैर, कारण जो भी रहा हो लेकिन परसों तक तो मुझे अपना हमराज मानकर अपना दुख बता रही थी कि किसी दोस्त ने उसे अपनी फ्रेंड-लिस्ट से निकाल दिया है क्योंकि वह उस दोस्त का कोई पर्सनल राज जान गयी थी. (वो कारन मैं आप किसी को भी नहीं बता सकती क्योंकि मैंने उससे वादा किया है किसी को भी न बताने का) उसका दुख सुनकर मैंने काफी तसल्ली दी उसे समझाते हुये कि वह कोई चिंता ना करे. किसी इंसान पर कोई जोर नहीं होता..और शायद उसके दोस्त की नाराजी कुछ समय की ही हो. और मेरी सम्भावना सही निकली. क्योंकि परसों उसने बताया कि उसके दोस्त ने फिर से उसे अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है.


लेकिन आज अभी कुछ देर पहले मुझे पता लगा कि उसने मेरा इस्तेमाल करके मुझे ही ब्लाक कर दिया है. Now I am really getting sick of this sickly behaviour from people on facebook. They use my shoulder to cry on and pour their misery over me and when things start looking up for them they dump me without any explaination. It's disgusting and shameful as after cofiding in me they make me promise to keep their secrets forever in my heart and when they decide to dump me they don't even think that I deserve an explaination from them...it really hurts. That's why I am not keen now to make anymore friends and have been turning down hundreds of requests. I can't trust people here...they scare me now. So I am considering to have some break from facebook for a little while until I feel comfortable to come back. It's not that I don't care about people or friendship...it's their selfish nature I hate.

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